सफलता की कहानी : दिव्यांग दंपत्ति के जीवन में आई बहार..पूरे परिवार के चेहरे में आई मुस्कान…कलेक्टर डाॅ. कन्नौजे ने पति-पत्नी को दो शेडनुमा मोटराइज्ड सायकल प्रदान किया…
सारंगढ़ बिलाईगढ़ : सारंगढ़ विकासखंड के ग्राम बरदुला के दिव्यांग दम्पति के मेहनत का रंग लाया है। कलेक्टर डाॅ. संजय कन्नौजे ने कलेक्टोरेट परिसर में पति-पत्नी दोनों को उनके समृद्ध और मंगलमय जीवन यापन की कामना के साथ बधाई देते हुए शेडयुक्त मोटराइज्ड सायकल का चाबी प्रदान किया। इसके साथ ही एक अन्य हितग्राही को ट्राईसायकल प्रदान किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य शिवकुमारी साहू, अपर कलेक्टर एस के टंडन, उप संचालक समाज कल्याण विनय तिवारी, सहायक आयुक्त बद्रीश सुखदेवे उपस्थित थे। दिव्यांग प्रशिक्षक गनेशु साहू ने दिव्यांग पति-पत्नी को मोटराइज्ड सायकल चलाने का प्रशिक्षण दिया।
वर्ष 2023 में कलेक्टर डाॅ. फरिहा आलम सिद्दीकी जब बरदुला मतदान केन्द्र के निरीक्षण के दौरान गई, तब उनसे मिलने दिव्यांग दंपत्ति अपने नन्हें दो बेटियों के साथ परिसर में नजर आएं। तब से दिव्यांग दम्पत्ति लखन मल्होत्रा और सुकमति बंजारे के संघर्ष की शुरूआत हुई। फिर कोसीर में आयोजित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में पुनः यह दंपत्ति नजर आए, जहां एक ट्राइ सायकल प्रदान किया गया था। दो सप्ताह पूर्व यह दंपत्ति कलेक्टर जनदर्शन में डाॅ. कन्नौजे से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराए थे। कलेक्टर डाॅ. संजय कन्नौजे ने इन दंपत्तियों के परिस्थितियों को देखते हुए समाज कल्याण विभाग अधिकारी को निर्देश दिए कि आवश्यक व्यवस्था के साथ मोटराइज्ड सायकल प्रदान करें। इस निर्देश के पालन में समाज कल्याण अधिकारी द्वारा विभागीय योजना के माध्यम से सोमवार को पति-पत्नी दोनो के लिए अलग-अलग शेडनुमा मोटराइज्ड सायकल उपलब्ध कराया गया।
पिछले बुधवार को जब सारंगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दिव्यांगों का परीक्षण शिविर हुआ तब भी ये अपने बच्चों के साथ शिविर में पहुंचे थे। साथ ही उन्हें मोटराइज्ड सायकल चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान कलेक्टर डाॅ. कन्नौजे ने दोनों बेटियों के लिए सहायक आयुक्त बद्रीश सुखदेवे को आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के द्वारा संचालित आश्रम छात्रावास में दोनों बच्चियों का दाखिला के साथ देखरेख करने के निर्देश दिए। सहायक आयुक्त ने इस पर त्वरित रूप से अमल करने का आश्वासन दिया है। दोनों पति-पत्नि के वर्षों से देखा सपना सच हो गया है अब उनको आने-जाने में सुविधा हो गई है। साथ ही दोनों बेटियों के भविष्य सुरक्षित नजर आ रहा है। दिव्यांग दंपत्ति के जीवन में बहार आई है।