सेवा सहकारी समिति सलौनीकला में धान घोटाले में न्याय की मांग को लेकर देवनारायण चंद्रा की पत्नी कमलेश चंद्रा का धरना…

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सेवा सहकारी समिति सलौनीकला में धान घोटाले में न्याय की मांग को लेकर देवनारायण चंद्रा की पत्नी कमलेश चंद्रा का धरना…

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बिलाईगढ़ : सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के ग्राम सलौनीकला स्थित सेवा सहकारी समिति पंजीयन क्रमांक 1309 में 24 जनवरी 2025 को धान उपार्जन केंद्र में अनुविभागीय अधिकारी वर्षा बंसल द्वारा टीम बनाकर निरीक्षण किया गया था, जिसमे फड़ में उपलब्ध धान के बोरे बिखरे हुये अव्यवस्थित निर्धारित बोरे के मानक वजन 40 किलोग्राम से कम पाए गए थे तथा उपार्जन केंद्र में लोड हो रहे ट्रक के नम्बरों में गड़बड़ थी।सामने का नम्बर सीजी 22 पी 3601 एवम पिछले हिस्से का नम्बर सीजी 22 पी 3901 भिन्न भिन्न पाया गया था। धान उपार्जन केंद्र सलौनीकला के जिम्मेदार कर्मचारियों पूर्व समिति प्रबंधक संजय साहू, पूर्व फड़ प्रभारी देवनारायण चंद्रा तत्कालीन समिति प्रबंधक भरत चंद्रा, वर्तमान फड़ प्रभारी रामेश्वर चंद्रा, कंप्यूटर ऑपरेटर गीता प्रसाद साहू द्वारा व्यक्तिगत लाभ पाने के लिए धान उपार्जन केंद्र सलोनीकला में 1894 क्विंटल धान कीमती 4356200 का गबन का आरोप लगाया गया है, पूर्व में भी भरत चन्द्रा के द्वारा नगरदा धान उपार्जन केंद्र में एक करोड़ अड़तीस लाख चौवन हजार चार सौ रुपये का गबन का गबन किया गया था, जिसके कारण है जेल जाना पड़ा था। वर्तमान धान घोटाले में न्याय न मिलने पर पूर्व खरीदी प्रभारी देवनारायण चंद्रा की पत्नी कमलेश चंद्रा ने 11 जून 2025 सहकारी समिति कार्यालय के सामने धरना शुरू किया है जो 14 जून 2025 तक चार दिन चलेगा, उनका आरोप है कि उनके पति को इस घोटाले में झूठे आरोपों में फंसाया गया है और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।

घोटाले का विवरण : सलौनीकला सेवा सहकारी समिति में वर्ष 2024-25 के दौरान 4356200 रुपये के धान घोटाले की एफआईआर भटगांव थाना में दर्ज की गई थी। जांच में पाया गया कि समिति के पूर्व प्रबंधक संजय साहू, पूर्व फड़ प्रभारी देवनारायण चंद्रा, तत्कालीन प्रबंधक भरत चंद्रा, वर्तमान फड़ प्रभारी रामेश्वर चंद्रा और कंप्यूटर ऑपरेटर गीता प्रसाद साहू ने मिलकर 1894 क्विंटल धान की हेराफेरी की। यह घोटाला व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया था।

कमलेश चंद्रा का आरोप : कमलेश चंद्रा का कहना है कि उनके पति देवनारायण चंद्रा को इस घोटाले में झूठा फंसाया गया है। उनका कहना है कि उनके पति ने हमेशा ईमानदारी से काम किया और उन्हें राजनीतिक दबाव के तहत फंसाया गया है। कमलेश चंद्रा ने आरोप लगाया कि मामले में उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उनके पति को न्याय नहीं मिल रहा है।

धरना का उद्देश्य : कमलेश चंद्रा ने धरने के माध्यम से निम्नलिखित मांगें की हैं –
1. घोटाले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो।
2. देवनारायण चंद्रा को तत्काल न्याय मिले और उन्हें झूठे आरोपों से मुक्त किया जाए।
3. मामले में शामिल अन्य दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

प्रशासन की भूमिका : इस मामले में प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कमलेश चंद्रा का कहना है कि उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उनके पति को न्याय नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले की जांच में जानबूझकर देरी की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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