रूपेश श्रीवास
बिलाईगढ़ : मातृत्व सुरक्षा एवं शिशु सुरक्षा के उद्देश्य से शुरू की गई महतारी एक्सप्रेस 102 सुविधा आज वरदान साबित हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मातृत्व एवं शिशु सुरक्षा की जिम्मेदारी को जीवीके एमरजैंसी मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट(जीवीके ईएमआरआई) संस्था ने निभाते हुए जनवरी 2022 से मई 2022 तक कुल 954537 मरीजों की सहायता की है। जिसमें 7386 कोविड-19 मरीज भी शामिल है। कोविड काल के दौरान भी महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी अपनी सेवा में तत्पर रहे हैं। इसी क्रम में जनवरी 2021 से मई 2022 को ही लें तो महतारी एक्सप्रेस 102 ने कुल 7 हजार से अधिक कोविड-19 मरीजो को अस्पताल पहुंचाया है। इनमें सर्वाधिक रायगढ़ के 1610 जसपुर के 1127 तथा बीजापुर के 969 मरीजों को लाभ मिला है। इसके अलावा सुकमा के 943, नारायणपुर के 565, बस्तर कांकेर के 534, राजनांदगांव के 406 तथा बालोद के 227 मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अगस्त 2013 में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर से 21 एंबुलेंस के साथ 102 महतारी एक्सप्रेस की सेवा की शुरुआत की गई थी। वर्तमान में 324 एंबुलेंस सेवा जीवीके ईएमआरआई संस्था द्वारा प्रदेश में 24 घंटे और 365 दिन संचालित किए जा रहे हैं। 102 टोल फ्री नंबर पर कॉल करके किसी भी प्रकार की प्रसव संबंधी सहायता, 0 से 1 वर्ष तक के बीमार नवजात शिशु को स्वास्थ्य सहायता एवं नसबंदी सेवा का लाभ भी लिया जा सकता है। सघन वन क्षेत्र या खराब रास्ता वाले क्षेत्रों में 102 महतारी सेवा के कर्मचारी 3 से 4 किलोमीटर तक पैदल चलकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के कार्य में जुटे हैं। पीआरओ शिबू कुमार ने बताया कि महतारी एक्सप्रेस 102 सेवा का लाभ लाखों मरीजों ने लिया है। 102 के जरिए जनवरी 2021 से मई 2022 तक कुल 954537 लोगों की सेवा की है, उनमें प्रसव पूर्व जांच 284878 प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचे। 219174 प्रसव के बाद घर वापसी 345290, बड़े अस्पताल रेफर 46785, शून्य से 1 वर्ष के बच्चे से संबंधित 51024 तथा 7386 कोविड-19 मरीजों की सेवा प्रदान की है।