गिरीश सोनवानी
देवभोग : छग मे नये जिले के गठन के सुगबुगाहट के बीच देवभोग को जिला बनाने की माँग उठने लगी है। जिला बनाने को लेकर देवभोग मे सोमवार को सर्व दलीय, सर्व समाज व पँचायत प्रतिनिधियो की बैठक समपन्न हुई। बैठक में जिला निर्माण के लिए समिति गठन व रूपरेखा तय किया गया। इस बैठक मे देवभोग ब्लाक के 54 पंचायतो के पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे। वही बैठक मे महत्वपूर्ण बात यह रही कि देवभोग को जिला का दर्जा दिलाने क्षेत्र के भाजपा कांग्रेस और अन्य राजनितिक दल भी एक मंच पर खडे नजर आ रहे है।
इस बैठक मे प्रमुख रूप से ओंकार सिन्हा, कंचन कश्यप, लुद्रास साहू अरविन्द सोम , कृष्णकुमार चुरपाल ,चंद्रध्वज मरकाम, रतिराम नेगी, तरूण नागेश सहित बडी संख्या मे जनप्रतिनिधी और ग्रामीण उपस्थित रहे।
जिला निर्माण समिति का हुआ गठन :-
जिला निर्माण को लेकर हुई बैठक मे जिला निर्माण समिति का गठन हुआ।जिसमे अध्यक्ष सुखचंद बेसरा, उपाध्यक्ष घनश्याम प्रधान और सनत कुमार माँझी , कोषाध्यक्ष राजकुमार प्रधान, सचिव राजेश तिवारी, सहसचिव उमेश डोंगरे और प्रवक्ता यशवंत बघेल, चवनलाल बघेल को बनाया गया। वही बाकि उपस्थित लोगो को कार्य समिति सदस्य मे रखा गया है।
विभाजित म.प्र. के समय भी उठी थी मांग :- 90 के दशक में अविभाजित मप्र के समय जब विन्द्रानवागढ का नेतृत्व विधायक ओंकार शाह कर रहे थे और प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे तब सर्वदलीय प्रतिनिधि मण्डल ने रायपुर के सर्किटहाऊस के बाद भोपाल पहुँचकर देवभोग को जिला बनाने की माँग रखी थी। राज्य अस्तित्व में नही आने के कारण उस समय माँग ज्यादा जोर नही पकड सका तो मसला शिथिल पड गया।
देवभोग जिला बनना क्यो है जरूरी ?
देवभोग और मैनपुर की भौगौलिक स्थिति को देखे तो विन्द्रानवागढ की आबादी एक लाख से ऊपर है, वही इस विधानसभा अंतर्गत एक नये राजस्व तहसील भी प्रस्तावित है, देवभोग और मैनपुर क्षेत्र मे सेंदमुडा, पायलीखंड और बेहराडीह दुनिया की बेशकिमती अलेक्स और हीरे की खदान है। वही एक महत्वपूर्ण कारण ये भी है देवभोग से वर्तमान जिला गरियाबंद की दूरी 135 किमी है जिसे देखते हुये देवभोग का जिला बनना आवश्यक है।